काम क्रोध दमन करो, लोभ मोह दूर करो,
कृपा या जरूर करो स्वामी हमारे हो।
समागम संत साधु का, सत संगत सुधार देत ,
सकल गुण निधान श्रेष्ट, ज्ञान ध्यान वारे हो ।
कहता शिवदीन करो पालना गरिबन की,
दीनन के दयाल लगा नाव को किनारे हो ।
भव से संत तारण तरण, करण सब मनोरथ पूर्ण,
धीर धरण पीर हरण कृष्ण राम प्यारे हो ।