Homeनीरज दइयाराजकुमारी-1 राजकुमारी-1 विनय कुमार नीरज दइया 19/04/2012 No Comments वह जा रही थी अपने घर बैठ कर रिक्शा में लगी- राजकुमारी-सी ! मैंने कुछ नहीं किया मैं जल्दी में था । बस खुशी छ्लकी अपने आप । उसने भी देखा होगा जल्दी में, मगर किसे- मुझे या खुशी को ? Tweet Pin It Related Posts मरीचिका शोर में गुड़िया-10 About The Author विनय कुमार Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.