कौन कहता है की सपनों को
न जाने दो हृदय में
देखते इसको सभी
अपनी उमर अपने समय में
तो मैंने देखा बापू जी को
अपने सलोने सपने में
पूछा उन्होंने मुझसे तभी
स्थिति क्या है मेरे देश में
कहा मैंने क्या बताऊं आपको
नाम आपका लेकर काम करते उल्टा हैं
बिगड़ गईं हैं व्यवस्थाएं सभी
अत्याचार हो रहा है आपके देश में
जुर्म की बढ़ती इस गागर को
पापी सभी लगे है पीने
देखूँ जो हालत इनकी कभी
डर लगता है जीने में
नोच खा रहे बेटियों को
दरिंदगी से भरपूर हैं
लाज न आए इनको कभी
आदत से मजबूर हैं
बापू आप दो बारा आओ
हमारे इस पापी देश में
होगा उद्धार इसका तभी
जब लाओगे आंदोलन देश में
बहुत जरूरत है आपकी देश को
इसे नियंत्रण लाने में
व्यवस्था इसकी सुधरेगी तभी
जब अपराध मिटेंगे दुर्भावों से
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देवेश दीक्षित
7982437710