दिन ब दिन बढ़ते हादसे
ये पैगाम दे रहे हैं
आ गया है घोर कलियुग
ये बता रहे हैं
थम रहीं है अब तो सांसें
दिल को न सुकून है
आ गया है घोर कलियुग
ये दिखा रहे हैं
जगह जगह पर होते हादसे
दिल को दहला रहे हैं
आ गया है घोर कलियुग
ये समझा रहे हैं
इंसानियत के बढ़ते फासले
भरोसा तोड़ रहे हैं
आ गया है घोर कलियुग
ये जता रहे हैं
दिन ब दिन बढ़ते हादसे
ये पैगाम दे रहे हैं
आ गया है घोर कलियुग
ये बता रहे हैं
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देवेशदीक्षित
7982437710