यों न पीठ दिखाओ मुझको
मैं दिल लिए बैठा हूँ
ज़रा नज़रों से नज़रें मिलाओ
तुम्हारे इन्तजार में बैठा हूँ
तुम्हारी झील सी आंखों को
निहारना चाहता हूँ
तुम्हारे प्यार में देखो
मैं डूबना चाहता हूँ
कुछ वक्त मुझे भी दे दो
तुम्हारे साथ मैं जीना चाहता हूँ
दिन भर काम में व्यस्त रहती हो
हाथों को तुम्हारे चूमना चाहता हूँ
तुम्हारी इस व्यस्तता को
मैं बांटना चाहता हूँ
तनिक पास हमारे बैठो
कुछ बात करना चाहता हूँ
प्यार मुहब्बत में देखो
तुम्हें डुबाना चाहता हूँ
यों न पीठ दिखाओ मुझको
मैं दिल लिए बैठा हूँ
ज़रा नज़रों से नज़रें मिलाओ
तुम्हारे इन्तजार में बैठा हूँ
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देवेश दीक्षित
7982437710