एक शोर है मेरे भीतर
जो कचोट रहा है
मेरे मन मेरी आत्मा को
हर पल नोच रहा है
सवाल हैं कुछ
जो परेशान कर रहे हैं
दिल, धड़कन और सांसें
ज़िन्दगी पर एहसान कर रहे हैं
वचनबद्ध हूं तो शांत हूं
मन तो मेरा अशांत है
है अकेला तन्हा सा
बस तेरी ख़ुशी का एहसास है
चेहरे पर हसी अख़्तियार की है
सारे सवालों का जवाब मेरी खामोशी है
©पाठक जी
सुंदर मनोभाव