तेरे इंतजार में
हर वजह बेवजह हो गई
तेरे इंतजार में जागने की मर्ज़ हो गई
ना खत, ना तार, ना टेलीफोन आया
तारों की छांव में विदाई का सीधा पैगाम आया
ना निभाई वफा तुम बेवफा निकले
भला हुआ जो खबरी वफादार निकले
अपना ना सही पराया समझ लिया होता
आखिरी दीदार को निमंत्रण भेज दिया होता
तुझे उपहार में कुछ ना कुछ दे दिए होते
इसी बहाने तेरे संग हम भी हंस दिए होते
लिफाफे में खत नहीं बस दुआएं होती
देखते हम भी उस दिन तेरी क्या अदाएं होती
हसरते थीं देखने की सूट में सो पूरी की मैंने
लाल जोड़े में अब उन्हें दिखाते रहना
तस्वीरें सब पहुंच जाएंगी तुम्हारी मुझतक
तुम भी बड़े अदब से उनमें मुस्कुराते रहना
जानता हूं गणित थोड़ी कमजोर है तुम्हारी
उनके साए में जिंदगी का थोड़ा हिसाब रखना
हर बार की तरह इस बार भी नुकसान में हो
खबर मिली है तुम थोड़े परेशान से हो
यहां तो ठीक था मगर वहां अकड़ना नहीं
खुद सुधरना उन्हें तुम बिगाड़ना नहीं
रातों की नींद चेहरे की हंसी खत्म हो गई
तुम्हारे इंतजार में जागने की मर्ज़ हो गई