तुम तो जाओ जहां तुमको जाना है
हमसे ना मिलने का नया बहाना है
ऐसा क्या कह दूं मै, जो तुम रुक जाओ
चले जाना मगर, कैसे जियूं ये बता जाओ
ज़िन्दगी मांग रही, जवाब नये
पूछती है ये रोज सवाल नये
अश्र आंखों में है निकलते नहीं
पत्थर दिल हो सनम तुम पिघलते नहीं
हसेंगे ये सभी तुम्हारे जाने पर
लौट आओगे क्या मेरे बुलाने पर
तुम तो जाओ जहां तुमको जाना है
हमसे ना मिलने का नया बहाना है
चाहेंगे हम भी ये फिर मुलाकात ना हो
लगे जो ठेस तुम्हें ऐसी बात ना हो
तुम्हारी दी हर कसम है याद मुझे
क्या अपने वादे भी हैं याद तुम्हें
क्या कहोगी सभी से, क्या खुद से नज़रें मिला लोगी
सीखा दो मुझे भी , कैसे तुम मुस्कुरा दोगी
रहो तुम खुश सदा बस इतना कहना है
अपने साए को भी दूर तुमसे रखना है
तुम तो जाओ जहां …..