यादों को ढो रहे हो,
थकान तो होगी।
सीने में उफान, आंखों में नमी ,
पर मन मे कहीं मुसकान तो होगी।
मत ढोवो उनको,
बस नदिया सम प्रवाहमयी रहो।
कुछ साथ बहेंगे, तो अपने गंतव्य पहुचेंगे।
कुछ किनारे बन खड़े रहेंगे, तो दिशा देंगे।
लाभ तुम्हारा भी, हमारा भी।
रहेंगे तो साथ ही।
Beautiful… Multifaceted personality penned thoughts in a very soothing way..