ख्वाबों में भी चूमते हो तुम
भुलाऐ नहीं भूलते हो तुम
कुछ याद नहीं हमें तेरे सिवा
बात अक्सर ये भूलते हो तुम
नशा भी करके देखा है
लेकिन कहाँ तेरे जैसा है
सिसकता दिल तकिये पर
बिल्कुल वैसे का वैसा है
तो तुम ख्वाब बन जाओ
बताओ ये ख्याल कैसा है
तुम बिन कौन जानेगा
हमारा हाल कैसा है
सुंदर मनोभाव
जी सादर धन्यवाद आपका आदरणीय