पिताजी की तबीयत खराब हुई
स्थिति को देख लगा डर
डॉक्टर से बात हुई
कहा उसने ले आओ इधर
हमने फिर एम्बुलेंस बुलाई
पहुंच गए हम उधर
भर्ती उन को तुरंत किया
डॉक्टर ने किया परीक्षण
स्थिति उन की खराब बताई
दिल मेरा हुआ धक
खबर देने को फिर आवाज़ लगाई
तो मैं पहुंचा उधर
हॉस्पिटल में बहुत देर हुई
डॉक्टर से मिला तो हुआ सन्न
जब उसने मनहूस खबर दी
की दिल हो गया स्टक
आंसू मेरे थमे नहीं
की आंखें आईं भर
पिताजी मेरे रहे नहीं
तो आंखें हो गईं नम
रह रह कर याद आई
दिल में बैठा गम
हॉस्पिटल से बॉडी लेकर
आ गए हम घर
सब जानकारों को फोन किया
तब आए कुछ कम
लेकर गए क्रिया क्रम को
पकड़ के अपना सर
करके उन के क्रिया क्रम को
वापस आ गए घर
संदेशा यही दे रहा सबको
पिताजी होते अनमोल रत्न
इनका ख्याल रखो सदैव
इन्हीं से रहेगा मन प्रसन्न
मैंने जो खोया है इनको
नहीं रहा मेरा इनका संग
सबसे बड़ा सुख है जो
वो है माता पिता का संग
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