Homeदेवलाज के निगड़ गड़दार अड़दार चँहु लाज के निगड़ गड़दार अड़दार चँहु विनय कुमार देव 31/03/2012 No Comments लाज के निगड़ गड़दार अड़दार चँहु, चौँकि चितवन चरखीन चमकारे हैँ । बरुनी अरुन लीक पलक झलक फूल , झूमत सघन घन घूमत घुमारे हैँ । रँजित रजोगुन सिँगार पुंञ कुँजरत , अंञन सोहन मनमोहन दतारे हैँ । देव दुख मोचन सकोच न सकत चलि , लोचन अचल ये मतँग मतवारे हैँ । Tweet Pin It Related Posts मँद महा मोहक मधुर सुर सुनियत बोयो बस बिरद मैँ बोरी भई बरजत नासिका ऊपर भौँहन के मधि About The Author विनय कुमार Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.