दिलों में प्यार जगता है तो हिम्मत बढ़ ही जाती है
मुसलसल पी रहे हो मय तो सर पे चढ़ ही जाती है
मुहब्बत किस से हो जाए कोई ये कह नहीं सकता
छवि खुद के सनम की दिल के ऊपर कढ़ ही जाती है
मन तो चंचल है फितरत से हर कोई जानता है सच
मगर तस्वीर दिलबर की दिलों में मढ़ ही जाती है
जबानें आएं ना तुमको नहीं ये बात चिंता की
नजर चेहरे पे गिर के हाल दिल का पढ़ ही जाती है
कोई तो बात है उसमें याद मद्धिम नहीं होती
वो धीमे से मेरे मन में बनाती गढ़ ही जाती है
शिशिर मधुकर
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वाह्ह….मधुकरजी….वाह….उम्दा…”दिलों में प्यार जगता है तो हिम्मत बढ़ ही जाती है…मुसलसल पी रहे हो मय तो सर पे चढ़ ही जाती है” लूट लिया आपने….हाहाहाहाहा…क्या भावों का कथन है…शिल्प है.. मजा आ गया… जय हो…
Tahe dil se shukriya priy Babbu Ji ……
बेहद खूबसूरत, अति उत्तम सृजन !!
Tahe dil se shukriya Nivatiya Ji ……