मुझे मालूम है मैं दिल पे तेरे राज करती हूंतेरी नाराजगी तब ही नजरअंदाज करती हूंतू रूठा भी रहे मुझको तो केवल प्यार मिलता हैतेरे संग मिल के मैं जब भी कोई सा काज करती हूंहमेशा ही सहारे को मेरे तू चल के आया हैपरेशां हो के मैं जब भी तुझे आवाज करती हूंबताया है नहीं तुझको मगर तू जान ले ये सचमुहब्बत पे तेरी मैं हमेशा नाज करती हूंलुटाना खुल के अपने प्यार को मुझको नहीं आताजमाने की रवायत की मैं मधुकर लाज करती हूंशिशिर मधुकर
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खूबसूरत…….”आगाज” सही नहीं…सम्बोधन के रूप में यहाँ आ रहा है…
Babbu ji, Kuch parivartan kiyaa hai bataaiye kaisaa hai .
बहुत खुबसुरत शिशिर जी
Take dil se shukriya Nivatiya Ji …….
It’s good
Thanks a lot