झगड़े से पहले बेटा पिता को वापस ले जाते हुए |
अगर पुलिस गलत थे तो टेम्पो चालक को शिकायत करनी चाहिए थी अपने समुद्य विशेष के मुखिया से य उन सबसे जिनके साथ अभी उग्र प्रदर्शन किया जा रहा है ! य सोशल मीडिया की सहायता ली जाती य केजरीवाल को बताया जाता पर इसके विपरीत टेम्पो चालक हवा में तलवार लहराकर मीडिया के अनुसार बात कर रहा था !!
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घायल होने के बाद की तस्वीर |
वीडियो को अगर आप ध्यान से देखे तो पुलिस वालो ने आत्म रक्षा के लिए उससे तलवार हटाने के लिए डंडे उसके हाथो में मारे पर जब टेम्पो चालक हिंसक हो गया तो आप समझ सकते है कि वो सिर्फ तलवार दिखाने के लिए नही मारने के लिए लहरा रहा था !! सिविल ड्रेस में एक पुलिस अफसर उसे पीछे से पकड़ता है और उसकी तलवार छुड़ाने के लिए पुलिस वाले उसके हाथो में मारते है लेकिन वो टेम्पो चालक किसी तरह से अपना हाथ छुड़ाने में कामयाब हो जाता है और अपने तलवार से पुलिस वाले पर सबके सामने मारता है !ध्यान दे , जो भी लोग ये कह रहे है कि पुलिस वाले ऐसे ही होते है तो उन्हें समझना होगा कि रीवोल्वर होते हुए भी उन्होंने डंडे से मारा , किसी खून कर देने वाले अस्त्र , शस्त्र से नही !! पुलिस वालो की टोली उससे तलवार छुड़ाने के लिए संघर्ष करती रही लेकिन नाकामयाब रही और इसी बीच उस टेम्पो चालक का लड़का दोनों से झगड़ा शांत कराने की गुहार लगा रहा था लेकिन झगड़े में वो भी अपने पिता का साथ देने लगा और भरे सड़क पर जहाँ आम नागरिक और कुछ की गाड़ियाँ भी थी उसमे अपनी टेम्पो चढ़ा दी ! ये एक हत्या का प्रयास भी था ! जिसमे किसी की भी मौत हो सकती थी !! मीडिया वाले इसे आत्म रक्षा और न जाने क्या क्या बताने की कोशिश में लगे हुए है लेकिन सच ये है कि ये एक विकृत मानसिकता वाले लोग है जिसे सरदार बोलना सरदारों का अपमान होगा ! सरदार तो बड़े निराले और दिलवाले होते है और ऐसे लोग सरदार के नाम पर कलंक और सरदार का नाम खराब करने वाले है !! पुलिस को ऑन ड्यूटी तलवार मारना , गाड़ी चढ़ाना ! तो उसके बाद पुलिस क्या उनकी आरती उतारती ??? अब आप ही तय करें कि पुलिस क्या हफ्ता वसूलने के लिए ये सब करेगी ?? और क्या थाना चलने के लिए कहने पर कोई तलवार से बिना वजह ऐसे मार सकता है ! और उसे आत्म रक्षा का नाम देना बेहद शर्मनाक और बचने का तरीका मात्र है ! मै ऐसे लोगो से आहत और हैरान हूँ जो वास्तविकता को परखे बिना ही एक तरफा राय देकर कुछ भी बुरा भला कह रहे है ! स्थिति के दोनों पक्षों को समझे ! स्थिति ऐसी नही थी कि तलवार मारा जाये ! तलवार और डंडे में बहुत फर्क है और ये एक संयम की बात है कि इतना कुछ होने के बावजूद उसपर गोली नही चली !!!नीचे वीडियो देखिये और खुद सोचिये कि तलवार से घायल होने के बाद भी टेम्पो चालक के एकतरफा बातों से भावनाओ में बहकर कैसे तोड़-फोड़ मचाई गयी ! नेताओं के कारण उस टेम्पो चालक को हीरो और पुलिस वालो को माँ,बहन की गालियाँ सुननी पड़ रही है !! मेरा अनुरोध है कि आप भी अपने विचार इस घटना पर जरुर दे ताकि निकम्मी नेताओं और मीडिया को पता चल सके कि जनता है कि सब जानती है !!हर हर महादेव
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समाज में सभी वर्ग समुदाय के लोग रहते है, यह आवशयक नहीं की प्रत्येक व्यक्ति की सोचने समझने की शक्ति या विचारशीलता एक जैसी हो, इसलिए इस प्रकार की घटनाओ को सूझबूझ के साथ निपटाए जाना इंसानियत की जिम्मेदारी है, हालाँकि हमारे देश में किसी भी घटना या मुद्दे को धार्मिक परिपेक्ष्य से जोड़कर उसका राजनितिक लाभ लेना एक सामान्य बात है !
जी सही कहा