आज अंदाज में तेरे परायापन नजर आया घाव तन्हाई का सीने में मेरे फिर उभर आया कोई तो साथ था तेरे जिसे मुझसे अदावत थी तभी तो बात में तेरी बनावट का असर आया प्यार तूने ना बरसाया आज ऐसा लगा मुझको दुपहरी तप रही थी राह में सूखा शजर आया मैंने तो आज भी आदत का अपनी साथ ना छोड़ा तुझे आवाज दे डाली ज्यों ही तीजा पहर आया लाख लोगों ने समझाया मगर मधुकर नहीं माना पी के सब होश खो बैठा जब भी मीठा जहर आया शिशिर मधुकर
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bahut badhiya hujoor………..
Tahe dil se shukriya Babbu Ji ……………………..