एक दोस्त मुझको अच्छा मिला है पा के जिसे मेरा तन मन खिला है नहीं है ये कोई संजोग छोटा मेरी दुआओं का वो एक सिला है खुदा ने सुनी है आवाज मन की मुझे अब ना उससे कोई गिला है जरा सा जो उसने सहारा लगायासूना ना अब मेरे मन का किला हैशृद्धा और भक्ति में ताकत है ऐसी मधुकर इंसा भी बनती शिला है शिशिर मधुकर
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बेहद खूबसूरत….मुबारक हो…….
Tahe dil se shukriya Babbu Ji …………….
बहुत अच्छे ………..
पतझड़ के बाद मौसम आते है बहार के
Tahe dil se shukriya a Nivatiya Ji …….