असली आज़ादी उस दिन होगी
जब स्वच्छता चारो ओर होगी
हँसती गुड़िया हर आंगन होगी
जाति-धर्म की बात न होगी
जब होंगे युवाओ के चेहरे खिले
हर हुनर को होंगे पंख लगे
रोज़गार सृजन का नभ होगा
कोई भी भूखा न होगा
खेतो में जब हरियाली होगी
किसान के गाल पर लाली होगी
जब हर बच्चा शिक्षित होगा
प्रतिभा उपेक्षित न होगा
मुक्त कुपोषण से देश जब होगा
वृद्धों का हर घर सम्मान जब होगा
बेटा राम सा जब हर घर में होगा
हरण द्रौपदी का फिर चीर न होगा
राज जब थल जल नभ पर होगा
दुश्मन भी थर-थर कांप रहा होगा
भारत बसा हर दिल में जब होगा
जय हिंद का नारा गूँज रहा होगा
bahut khoobsoorat…………
धन्यवाद शर्माजी।