चले केजरी झाड़ू लेकर
सफाई करने भ्रष्टाचार के
गाल पर अब खाते है पंजा
पप्पू की दरबार में
लाल इधर आँख करते लालू
पप्पू के ललकार से
लाल लालू के लड़ते खुद में
अपने-अपने अधिकार के
बुआ-भतीजा खिचड़ी पकाते
पप्पू को ठेंगा दिखा के
वाम-ममता भी न है सुनते
केरल और बंगाल में
चोरो की बन गयी है टोली
ठन गयी चौकीदार से
घूम-घूम मचाते शोर
चोर बना अपना चौकीदार है
चला लगने जब है डंडा
पड़ी टोली हलकान में
सबका बस एक है नारा
मोदी हटाओ सरकार से
अपनी बस एक ही चाहत
मनभेद न हो हिंदुस्तान में
उपयोग करे हम सूझ-बूझ से
अपने-अपने मताधिकार के
सत्य वचन अच्छा व्यंग ,,,,,,,,,,,,,और लयबद्ध किया जा सकता था !
धन्यवाद।
और बेहतर करने का प्रयास करूँगा।