प्यार दिल से जो करते हैं वो ख्यालों में आते हैं झूठे इंसान इस जग में मुझे बिल्कुल ना भाते हैं भले तुम जी रहे हो बेधड़क सब कुछ भुला के आज मुझे तो वस्ल के वो पल मगर अब भी सताते हैं बोझ टूटे हुए दिल का सम्भाला है कभी तुमने मेरे काँधे तो अब इस बोझ को हर पल उठाते हैं कमी तेरी नहीं फितरत ही क्यों ऐसी बनी मेरी लगाया जिस किसी से दिल उसे मर के निभाते हैं मुझे उम्मीद है पत्थर भी ये शायद पिघल जाए बिना नागा किए तब ही तुझे मधुकर बुलाते हैं शिशिर मधुकर
Оформить и получить экспресс займ на карту без отказа на любые нужды в день обращения. Взять потребительский кредит онлайн на выгодных условиях в в банке. Получить кредит наличными по паспорту, без справок и поручителей
उम्दा…बेहद खूबसूरत लय….
Tahe dil se shukriya Babbu Ji ……
हां हां हां बहुत बढ़िया शिशिर जी “बिना नागा किये” हम भी आपकी रचनाओ का आनद लिए जा रहे है !
Tahe dil se shukriya Nivatiya Ji………