आखिर..क्या लगती हो तुम मेरीकैसा है रिश्ता तुमसेक्या सच मे वजूद में हैंतुम्हारे-मेरे बीचवो रिश्ता जिसके बारे में लोगदबी जुबान बातें बनाते हैआखिर..क्यों तुममेरे ख़्वाब में आकरमेरा हो जाना चाहती होक्या तुम्हें इतना ऐतबार है मुझपेक्या तुम गुलाब होजिसे देख कर मैं महक जाता हूँआखिर..क्यों तुमआदत बनती जा रही होमेरी आँखें क्यों तुम्हारे सिवा कुछ और देखना नहीं चाहतीक्यों कैद कर लिया तुमनेअपने खुले केशो के पाश मेंमुझे कुछ समझ नहीं आ रहातुम्हारे-मेरे बीचये चल क्या रहा है—अभिषेक राजहंस
Оформить и получить экспресс займ на карту без отказа на любые нужды в день обращения. Взять потребительский кредит онлайн на выгодных условиях в в банке. Получить кредит наличными по паспорту, без справок и поручителей
bahut badhiyaa………………..
बेहद खूबसूरत अभिषेक ,,,,,,,,,,,,,,,!
बहुत ही सुन्दर अभि