तेरी आवाज़ ही अब तो बनी मेरा सहारा हैहजारों फूल खिलते हैं तूने जब भी पुकारा हैतू मेरी सांस बनके इस तरह जीवन में छाया है तेरे बिन ज़िन्दगी का अब नहीं होता गुजारा हैमुझे कड़वे सचों ने ज़िन्दगी के तोड़ डाला था मेरी उजड़ी सी हस्ती को फ़कत तूने निखारा हैबसी हूँ जब से पलकों में वहीं महफूज़ हूँ हरदम ना पल भर को कभी तूने मुझे नीचे उतारा हैजमीं में थी दफन मैं तो फ़कत एक बीज के जैसीतेरी मेहनत ने ही मधुकर मुझे फिर से उबारा हैशिशिर मधुकर
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बहुत खूबसूरत शिशिर जी !
Tahe dil se shukriya Nivatiya Ji ………………..
Ati sunder Rachna,nirmal aur swach bhav ke sath
Tahe dil se shukriya Rajiv Ji ………………..