*पुलवामा हमले के बाद लिखी मेरी नई कविता*_”एक सात साल का बच्चा अपनी माँ से पूछता है जब उसके पापा होली से पहले तिरंगे में लिपटकर घर आते है ,जबकि उसकी माँ ने उसे कहा था तुम्हारे पापा होली में आएंगे तब बच्चा अपनी माँ से घर और माँ के हालात देखकर कुछ सवाल करता है ….”_पापा पहले जब होली में घर आते थे हमारे लिए ढेर सारे खिलौने लाते थेइस बार पापा हमारे लिए क्या लाए है ?होलो से पहले पापा क्यो घर आए है ?_(बच्चा माँ से शिकायत करता है.._)हमारे लिए वे नही पिचकरी लाए हैन कोई खिलौने न मिठाई लाए हैवे मुझसे नही कुछ भी क्यो बोल रहे हैवे अपनी आंखें क्यो नही खोल रहे हैहोली से पहले पापा ने रंग क्यो लगाए है ?होली से पहले पापा क्यो घर आए है….?तेरी मांग में क्यो नही माँ सिंदूर है ?पापा हमसे इतने अब क्यो दूर है ?पापा के कपड़ो का माँ क्यो रंग लाल है ?क्यो नही दिख रहे मुझे पापा के गाल है ?क्यो हमारे घर मे ऐसे मातम छाए है ?होली से पहले पापा क्यो घर आए है….?पापा जब आते थे तुम बनाती थी पकवान मुझसे मंगवाती थी तुम सारा समान दो माँ पैसे मैं सारे समान ला दूंगा इसके बदले तुझसे मैं टॉफी भी न लूंगाक्यो चुपचाप माँ तू ऐसे बैठी है उदास ?दूर से आये है पापा लगी होगी प्यासइस बार माँ तूने क्यो नही भोजन बनाए है ?होली से पहले पापा क्यो घर आए है…….?क्यो सोये है पापा यहां ओढ़ तिरंगा ?क्यो ले जा रहे हो इन्हें आपलोग गंगा ?क्यो रख दिया इनपर लकड़ियों का ढेर ?हटाओ इन्हें दर्द होगा तुम न करो देरहर बार की तरह क्यो न तूने घर सजाए है ?होली से पहले………..?_”जब उसके के पिता की चिता जलती है तब वो समझ जाता है उसके पापा अब लौट कर नही आएंगे ,तब वो माँ से कहता है….”_पापा की तरह मैं भी अब सैनिक बनूँगादेश के खातिर मैं भी दुश्मनों से लड़ूंगा मेरे हर सवालों का मिल गया मुझे जबाबअब मैं पूरे करूँगा पापा के हर ख्वाबमैं समझ गया तूने क्यो सारे श्रृंगार हटाए हैहोली से पहले………???अच्छा लगा तो शेयर करे🙏🏻🙏🏻© पियुष राज ‘पारस’दुमका ,झारखंडM-9771692835P90/3-3-19/2:15am
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बहुत मार्मिक घटना को रचनाकार ने अपनी कलम में आबद्ध करने का उत्तम प्रयास किया है | बालक का सवाल और देश के लिए यह जानकार की पिता शहीद हो गए देश पर –
होली से पहले पापा इसी लिए आये ,
भारत में अपनी माँ का मान बढाए हैं |
पहले लाते रहते थे खिलौने सारे ,
आज तिरंगे में लिपटे आये हैं ||
समझ गया हूँ सारे उनके करतब
सारे श्रृंगार हटे हुए दीखते क्यों हैं !
हम भी सेना में सैनिक बन जाएंगे
दुश्मनों से लड़ूंगा औ मजा चखाएंगे||
नमन….जय हिन्द….वन्दे मातरम्…..
सकरात्मक पहलू के माध्यम से सुंदर दृष्टिकोण प्रस्तुत किया आपने ,,,,,,,,,,,,,,,अति सुंदर ,,,,,,,,,जय हिन्द !!!