चिथड़े – चिथड़े उड़ गये, खून की बह गयी नदियाँफूट पड़ा ज्वालामुखी , दहल गयी सब सदियाँ।कैसा षडयंत्र है तेरा , वार पीठ पर करने काडर लगता क्यों तुमको, सामने आकर मरने का।पुलवामा में हरकत से , तुमने आग लगाईअजहर मसूद अपने , दामन में दाग लगाई।छुपे हो पाक में जाकर, बुजदिलों के डेरे मेंआ गयी तुझ पे सामत , फंस गये अब घेरे में।तुम जैसा मुल्ला साथी , सब मारे जाओगेअंतरराष्ट्र घेरेे से ,नहीं तुम बच पाओगे।माता का दिल विरक्त हुआ , और ममता रोई हैबाप विषाद में डूबा, पत्नी – पति को खोई है।बादा करके चल दिये , होली में घर आऊँगाअपने मुन्ना, बहना का, तौफा नया ले आऊँगा।प्रीतम की इक याद लिये, सैनिक वीर चला गयाघर के एक छलिया से, वीर सिपाही छला गया।बंधन – क्रंदना में है डूबा , अपना हिन्दुस्तानबदला चून – चून कर लेगा, सुनो खोलकर कान।
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