ढूँढता हूँ निशां तेरे जब भी तन्हा मैं होता हूँआज भी यादों में तेरी मन ही मन मैं रोता हूँ यूँ तो शैय्या सजाई है ओर आँखों को मूंदा हैमगर बेचैनियों की मार से मैं तो ना सोता हूँमुहब्बत को भुला पाना कभी आसां न होता है सतह कुछ लम्हें आते है उसे जब ही डुबोता हूँदर्द तेरी जुदाई का कुछ ऐसा बस गया मुझमेंमुझे ना पीर उठती है अगर नश्तर चुभोता हूँये माला ज़िन्दगी की जाने कैसे टूट जाती हैतुम्हारे प्रेम के मनके जब भी मधुकर पिरोता हूँशिशिर मधुकर
Оформить и получить экспресс займ на карту без отказа на любые нужды в день обращения. Взять потребительский кредит онлайн на выгодных условиях в в банке. Получить кредит наличными по паспорту, без справок и поручителей
behad khoobsoorat……………..
Tahe dil se shukriya aadrneey Babbu Ji ……………..