देखती हूँ तुझे तो मुझको ये अभिमान होता है सिमट के बाहों में तेरी कितना सम्मान होता है अपनी आँखों से तूने मुझपे जैसी प्रीत बरसाईवही पाने का बस मनमीत का अरमान होता हैदीवानापन ना हो दिल में तो संग कैसे रहे कोईमहल भी ऐसे लोगों का फ़कत वीरान होता हैचमक ये देख दुनिया की मुहब्बत जो भी भूलेगाउसे काबिल नहीं कहते वो तो नादान होता हैदौलतें इश्क की महफूज़ होती हैं जहाँ मधुकरतुम भी ये जान लो वो ही घर धनवान होता है शिशिर मधुकर
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Sundar rachna sir hamesha ki tarah..mohabbat hai to sab kuchh hai..nahi to kuchh bhi nahi..
Tahe dil se shukriya Devendra ………………
अति सुंदर शिशिर जी
Dhanyavaad Nivatiya Ji ………………………….
bahut khoobsoorat………….
Tahe dil se shukriya Babbu Ji ………………….