विधा :: वर्ण पिरामिड१.हैंशब्दआहटगर्माहटइश्क़ तरानाप्यार नज़रानाघर घर फ़साना
२.हैनादनिशब्दजय घोषआत्मीय बोधअहम ब्रह्मास्मिसचराचर स्वामी
विधा : डमरू
घर घर फ़सानाप्यार नज़रानाइश्क़ तरानागर्माहटआहटशब्दहैनादनिशब्दजय घोषआत्मीय बोधअहम ब्रह्मास्मिसचराचर स्वामी
II स्वरचित – सी.एम्.शर्मा II
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BAHUT HI LAJWAB SRIJAN ……BABBU JEE.BADHAI HO…
तहदिल आभार आपका…..binduji…..
ख़ूबसूरत विधा :: वर्ण पिरामिड के लिए बधाई
तहदिल आभार आपका…..Salim Raza ji….
बहुत ही सुन्दर सर
तहदिल आभार आपका….Bhawanaji….
वाह..बहुत खूब ………अत्यंत रोचक, मनमोहक शब्दावली का प्रयोग कर लयबद्ध किया है …….बधाई आपको !
आपकी उत्साहवर्धन करती प्रतिकिर्या का तहदिल आभार….निवातियाजी….
बहुत ही सुन्दर…..वाह..बहुत खूब
तहदिल आभार आपका…Markand Daveji……