मुहब्बत जिससे हो जाए खुदा बस उसमें दिखता हैबनाने से बना हैं कब ये रिश्ता रब ही लिखता हैखरीदा हैं जहाँ उसने मगर ना प्रीत मिल पाईज़रा कोई उसे कह दे ये जज्बा थोड़े ही बिकता हैगमों को सह सके जो भी वो ही असली खिलाड़ी है इस खेल में वरना हर एक लम्बा ना टिकता हैमुहब्बत और जिम्मेदारी दोनों जीवन के पहलू हैं यहाँ इंसान अक्सर ही दोनों पाटों में पिसता हैभले कुछ ना कहा उसने जुबां को सी लिया बरबससच तो मधुकर मगर तू देख उसके नैनॊं से रिसता है शिशिर मधुकर
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Nice expression Shishir JI
So very nice of you…….
bahut badhiya…………….
Tahe dil se shukriya Babbu Ji ……..