शुक्र है जिंदगी बाजार में खरीदी नहीं जाती lखरीदी जाती तो अमीरों की गुलाम बन जाती llअमीर फिर मौत को अपने इशारों पर नचाता lमौत की आगोश में सिर्फ गरीब ही सो पाता llजिंदगी गुलाम नहीं ना कोई वश में कर पाया है lजाना उन सभी को है ,जो इस दुनिया में आया है llफिर किस बात का है गुरुर, कैसा ये अहंकार है lजिंदगी पर तुम्हारा नहीं ऊपर वाले का अधिकार है llकब सांसो की डोरी टूट जाये पल भर का पता नहीं lकब कौन अपनों से बिछड़ जाये ये भी तो पता नहीं llसब खरीद लोगो पैसो से जिंदगी नहीं खरीद पाओगें lकितनी भी हो ताकत, इसे वश में नहीं कर पाओगें llमौत एक सच्चाई है, जो एक न एक दिन आयेगी lअमीर या गरीब सबको अपनी आगोश में सुलायेगी llछोड़ दे , अब इन कागज़ के टुकड़ो पर तू यूँ इतराना lक्योकि खाली हाथ हम आये , खाली हाथ है जाना ll——————-
Оформить и получить экспресс займ на карту без отказа на любые нужды в день обращения. Взять потребительский кредит онлайн на выгодных условиях в в банке. Получить кредит наличными по паспорту, без справок и поручителей
Behad sundar Rajeev Ji. Lekin yadi moh maayaa khatm ho jaae to sabhi ko vairaagya ho jaega or jeevan hi nasht ho jaega.
Dhanyavad Shishir Sahab
बहुत सही बात कहते हैं आप कविता के माध्यम से राजीव जी…..
shukriya Madhu ji
very nice
Dil se aabhar Nivitiya Sahab
bahut khoobsoorat……….
Dhanyavad Sharma Sahab