छत पे कोआ कांव कांव कर रहा है….कोई और तो अपना है नहीं…शायद…तुम आ रही हो कहीं…मिलोगी मुझसे तो बताऊंगा तुझे…जीना कितना दुश्वार था तेरे बगैर…दिन भी रात थी तेरे बगैर…ज़ख्म रिस्ते दिल के दिखाऊंगा तुझे…कपडे भी चुभते हैं उसपे बताऊंगा तुझे…किस तरह से बना हूँ तमाशा सब के आगे…ढूँढा किया हर गली हर चमन यूं बेतहाशा भागे…गाऊंगा गीत वही जो तुम सुनती थी…झूमते झूमते संग तेरे तेरी डोर से बंधा…पर वो गीत आज मैं अकेला ही गाता हूँ…..कट्टी पतंग की तरह झूलता…गिरता पड़ता…जो कभी पस्त न हुआ था किसी के आगे…वो हारा तो बस तेरे आगे…बिना आहट के दस्तक सी हुई लगती है…एक झोंके की तरह वो मेरे सामने आ जाती है…बाल बिखरे से हैं उसके मेरे बालों की तरह….पलकें सूजी हैं उसकी तो मेरी भी हैं…सुर्ख आँखें दोनों की कुछ ब्यान किये जाती हैं..लब उसके भी ज़र्द सफ़ेद मेरे जैसे हुए जाते हैं…सांसें उसकी तेज हैं तो धड़कन मेरी रुक सी है रही…ये आसमान इस कदर क्यूँ झुक सा है गया ….आतुरता धरती में भी मिलन की प्रबल है हुई…न लब उसके हिलते हैं न मैं ही बोलता हूँ कुछ…आँखें उसकी मेरी आँखों में डूब सी हैं गयी…विरह वेदना को जैसे विरक्ति मिल हो गयी…गिले शिकवे..सवाल ..जवाब…दिल दिमाग के…सब विलुप्त से हो गए…दिलों ने जैसे एक दूसरे का दर्द पी हो लिया…उसके साँसों के समंदर में…मेरी धड़कने डूब सी गयी…..दोनों ही एक दूसरे से पस्त हो गए….अजीब सी शान्ति हर और छा सी गयी …हर मौज अब सुहानी सी हो गयी….भोर की छटा बिखर सी रही है…विदा होता चाँद भी मुस्कुरा रहा है…दूर कहीं कोयल मीठे गीत गा रही है…मंदिर में शंख धवनि हो रही है….घंटे घड़ियाल बज उठे हैं….तारों की छाँव में मिलन हमारा हो रहा है…मंद मंद पवन गीत हमारे मिलन के….विदाई दुनिया से गा रही है…यूं तारों की छाँव में डोली हमारी जा रही है…..\/सी.एम्.शर्मा (बब्बू)
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Behad sundar or bhavuk. Lekin ek sujhaav hai. Doosre para me tujhe or tere ke sthaan par tumhen or tumhaare karke dekhiye rachnaa me or nirantartaa aa jaaegi. Mujhe padhne me jahan atkaan si lagi aapko bata raha hun.
तहदिल आभार आप का…..मधुकरजी…..जी तुम्हें…तुम्हारे कर दिया है…वस्तुतः….ग़ज़ल में ज्यादा तुझे प्रयोग करते हैं….आदत सी है….
बहुत ही सुन्दर भाव सर
तहदिल आभार आप का….bhawanaji….
bhavnatmak shaily ko aapne khub tarasha hai apni Rachna me Bahut khub sharma Sahab
तहदिल आभार आप का….Rajeevji….
मनमोहक प्रस्तुति है आपकी सर………
तहदिल आभार आप का…..madhuji….