कैसे बताऊँ मेरी यादें हैं कैसी,
खट्टी-मीठी हैं यादें मेरे जैसी..
चवन्नी के बेर सी
कहानियों के ढेर सी |
माँ की लोरी सी,
दूध की कटोरी सी |
बाबा की थपकी सी,
दोपहर की झपकी सी |
स्कूल में छुट्टी की घंटी सी,
गणित में भूली गिनती सी |
कैसे बताऊँ मेरी यादें हैं कैसी,
खट्टी-मीठी हैं यादें मेरे जैसी..
बचपन के लड़कपन सी,
जवानी के अल्हड़पन सी |
कैरम में जीती रानी सी,
परियों कि कहानी सी |
प्यार की पहली चिट्ठी सी,
बरसात की सौंधी मिटटी सी |
दूरदर्शन के छायागीत सी,
बस में पकड़ी सीट सी |
कैसे बताऊँ मेरी यादें हैं कैसी,
खट्टी-मीठी हैं यादें मेरे जैसी..
छत पे पतंगबाज़ी सी,
कॉलेज की रंगबाज़ी सी |
ब्लैक में खरीदी सिनेमा की टिकट सी,
आखिरी गेंद पर मिले विकेट सी |
बनारस के घाट सी,
दिल्ली के चाट सी |
खिलते हुए गुलाब सी,
ख़त्म न होते ख्वाब सी |
कैसे बताऊँ मेरी यादें हैं कैसी,
खट्टी-मीठी हैं यादें मेरे जैसी..
वाह्ह बहुत खूबसूरत ………….!
thanks
हाहाहा….पुराने दिन की याद ताज़ा कर दी….आनंद आया….बेहद खूबसूरत…..
Thanks
The frolic of carefree childhood captured in nostalgic memories..stupendous!!!