***वो देखो, वो जो भोला सा शख्स हैये मत पूछो वो कितना शातिर है,बात न पूछो उसकी हद-ऐ-शराफत कीगरीबी का बाज़ार सजाना जानता है !!कितना बड़ा दयालु समझते है सबबड़ा शौकीन है कुचलने में टूटी-फूटी मड़ैयातोड़कर सपने अकिंचन मानवो केअमीरी को अपना गुलाम बनाना जानता है !!डी के निवातिया
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बहुत खूब…..शख्श …टंकण गलती सही कर लें…. एक चीज़ जानना चाहता हूँ….हद्द-ए -शराफत…शंका है मुझे कि इसको ऐसे प्रयोग करते हैं…. क्यूंकि फ़ारसी में ऐसे लिखा जाता है… फ़ारसी का ऐसे प्रयोग कुछ ही उर्दू शब्दों के साथ होता है…. अगर आपके पास ऐसे उर्दू के लफ्ज़ हैं जिनको ऐसे प्रयोग करते हैं तो बताईएगा कृप्या …. मुझे इस लेखन पर्किर्या का नाम नहीं याद आ रहा अभी….
बहुत बहुत धन्यवाद बब्बू जी…………………….हद-ऐ-शराफत … इस बारे में ज्यादा मुझे भी मालूम नहीं ….ऐसी कोई जानकरी भी मेरे पास सटीक नहीं है कि किन किन शब्दों को ऐसे प्रयोग कर सकते है ……….हा मैंने प्रयोग अवश्य कर के देखा है …….उचित अनुचित का बोध आप जैसे गुणीजनों के समक्ष आने पर ही मिल पाता है………इस विषय से संबंधित कोई जानकारी आपके पास हो तो साझा अवश्य कीजियेगा ……..पुन: आभार आपका !!
Bada gahraa kataaksh hai Nivatiya Ji…….
बहुत बहुत धन्यवाद SHISHIR जी