ज़लवा***जरुरी नहीं दुनियाँ में सिर्फ हुस्न का ज़लवा होहमने तो कीचड़ के हिस्से में कमल को देखा हैअभद्र हो या दीन-दरिद्र कद्र हर शै: की होती हैपत्थर बुतो में झुकते कोटिश जनों को देखा हैमेरी सूरत पे ना जाओ यारो बदसूरत हूँ तो क्याहमने तो लंगूरो पर अच्छी हूरों को मरते देखा है !!!डी के निवातिया
Оформить и получить экспресс займ на карту без отказа на любые нужды в день обращения. Взять потребительский кредит онлайн на выгодных условиях в в банке. Получить кредит наличными по паспорту, без справок и поручителей
बहुत ही सुन्दर सर
तहदिल से शुक्रिया आपका ………………..BHAWANA Ji.
सीरत की खुशबू कहाँ छुपती है….हाँ पहचानने वाले कम हैं बस….बेहद खूबसूरत….
तहदिल से शुक्रिया आपका ………………..BABBU Ji.
Sahi farmaayaa ……………..
तहदिल से शुक्रिया आपका ………………..SHISHIR Ji.