कोई परदा नहीं जब बीच गैर हम हो नहीं सकतेकिसी और की बाहों में अब तुम सो नहीं सकते बड़ी मुश्किल से मिलती हैं दौलतें प्रेम की जग में कोई कीमत लगाओ अब इसे हम खो नहीं सकते मुहब्बत में खुदा एक दूजे को हम ने बनाया हैकोई नफ़रत के बीज बीच में हम बो नहीं सकते पीर सीने में जो उठती है तुम कहाँ देख पाओगेदिखा के इस ज़माने को कभी हम रो नहीं सकतेबना के गर्व का टीका तुम्हें मस्तक सजाया है किसी भी हाल में मधुकर इसे हम धो नहीं सकतेशिशिर मधुकर
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Wah wah sir Kya bat hai.bhut khoob .
Tahe dil se shukriya Anjali ……..
WAH ATI SUNDER……
Tahe dil se shukriya Bindu Ji ………
जीवन में प्रेम सत्य का सुंदर चित्रण
Dhanyavaad Nivatiya Ji ……..
ati sundar………….
Dhanyavaad Babbu Ji …………
आपके लगातार लिखते रहने की क्षमता और वह भी जीवन के भिन्न भिन्न कोनों पर ..लाजबाब है| बधाई|
Tahe dil se shukriya Arun Ji ……
Wow….
Thank you so very much ……