भारत की छटा मेरे भारत में जनता की, रीत बड़ी निराली है,जो दिल को बहला दे ये उसकी ही सवाली हैदिन को रात कहने वालो की ये भरते हामी हैयहाँ पर ऐसे भक्तों की भीड़ बड़ी ही भारी हैसत्य-अहिंसा और प्रेम से यहां सरोकार किसे हैसुनी-सुनाई को हकीकत में बदलने के पुजारी है !!अपनी पसंद के नेता चुन हम बनते बड़े दीवाने -२मालूल है करतूत सभी की, फिर भी अच्छा मानेदेखकर बुराईयां उनकी, हम मौन बन रह जाते हैअंधेभक्तो की सूची के फिर सरगना बन जाते हैपुरखो की शिक्षा शायद अब काम आई हैतभी तो प्रेम से मीठा बोल नीति अपनाई हैगुंडों को मोहक वाणी से जनता भरमाई हैइस अदा मैं फँसकर सदियों से जान गवाई हैक्या कहे अनपढ़ लोगो की यंहा तो,पढ़े लिखे लोगो ने भी बुद्धि गवाई हैबन कर अंधे भक्त अंगूठा टेको केखुद अपने हाथ अपनी लुटिया डुबाई हैफिर भी देखो यंहा कितनी समझदारी हैमिलते है दोस्तों की तरह एक दूजे सेपर दिलो में सबने दूजे से नफरत पाली हैक्योकि यंहा अंधे भक्तो की भीड़ भारी हैइसीलिए मई कहता हु मेरे दोस्तों की ,मेरे भारत की छटा बड़ी निराली है – २ !! !! डी के निवातिया !!
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Sachchai ko ujagar karti ek bahut hi khubsoorat Rachna Nivitiya Sahab
BAHUT BAHUT DHANYVAAD AAPKA ……….RAJEEV JI
Sundar kataaksh………
BAHUT BAHUT DHANYVAAD AAPKA ……….SHISHIR JI.
Nice sarcasm..
BAHUT BAHUT DHANYVAAD AAPKA ……….ANU JI.
क्या बात है…..बेहद उम्दा कटाक्ष…..परोक्ष में यह जनता जनार्दन पे वार भी है… कि हम कितने बेवकूफ बनता हैं जानते हुए भी….
BAHUT BAHUT DHANYVAAD AAPKA ……….BABBU JI.
very nice composition
BAHUT BAHUT DHANYVAAD AAPKA ……….RAKESH KUMAR
BEHAD KHUBSURAT NIWATIA JEE.
BAHUT BAHUT DHANYVAAD AAPKA ……….BINDU JI.
बिलकुल सही कहा आपने सर ।बहुत ही सुन्दर रचना
BAHUT BAHUT DHANYVAAD AAPKA ……….BHAWANA JI.