बहुत सारी दिल की बातें मुझे अब तुमसे करनी हैंहल्का मन कर सभी खुशियोंअपनी झोली में भरनी हैं क्या तकते हो मेरी सूरत अभी तो दूर हैं हम तुम आओगे तुम जो मेरे पास ये सब तस्वीरें संवरनी हैंसब्र का फल घना मीठा एक दिन मिल ही जाएगाजाने कितनी तन्हा रातें तब तलक यूँ हीं गुजरनी हैंएक दिन में ज़माना तो कभी बदला नहीं करताजाने कितनी बुरी बातें अभी तो यहाँ सुधारनी हैं ये पानी बाढ़ का कुछ और दिन हमको सताएगाउफ़नीं नदियाँ सभी मधुकर अब तो नीचे उतरनी हैं शिशिर मधुकर
Оформить и получить экспресс займ на карту без отказа на любые нужды в день обращения. Взять потребительский кредит онлайн на выгодных условиях в в банке. Получить кредит наличными по паспорту, без справок и поручителей
बेहतरीन …..अंतिम शेर के लिए तो शब्द भी नहीं बचते कहने को …..
बेहद उम्दा ….
Dhanyavaad Manuraj …….
umda…………….
Shukriya Babbu Ji ………………
Bahut sunder….
Dhanyavaad Anu…….