Homeदासबात चलै की चली जबतेँ तबतेँ चले काम के तीर हजारन बात चलै की चली जबतेँ तबतेँ चले काम के तीर हजारन विनय कुमार दास 29/03/2012 No Comments बात चलै की चली जबतेँ तबतेँ चले काम के तीर हजारन । नीँद औ भूख चली तबतेँ अँसुवा चले नैननि ते सजि धारन । दास चली करतेँ बलया रसना चली लँकतेँ लागि अबारन । प्रान के नाथ चले अनतेँ तनतेँ नहीँ प्रान चले केहि कारन । Tweet Pin It Related Posts झाँझरियाँ झनकैगीँ खरी खनकैगीँ चुरी तन को तन तोरे धूरि चढ़ै नभ पौन प्रसँग तें कीच भई जल संगति पाई बादि छवो रस व्यँजन खाइबो बादि नवो रस मिश्रित गाइबो About The Author विनय कुमार Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.