प्रेम सौगात मिल गयी मुझको…..अश्क बरसात मिल गयी मुझको….वो तेरे हुस्न कर्म के जलवे….ज़ख्म खैरात मिल गयी मुझको…..बिन तेरे याद कुछ न रहता है….याद बारात मिल गयी मुझको…..मौत बेमौत देख मर जाए….ऐसी सौगात मिल गयी मुझको….जान कर भी न खुद को जाना, ज्यों…अजनबी गात मिल गयी मुझको…..\/सी.एम्. शर्मा (बब्बू)गात : देह
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behtreen ashaarBabbu Ji …………………
तहदिल आभार आपका…Madhukarji….
अति सुंदर ………………!!
तहदिल आभार आपका….Nivatiyaji….
बहुत ही खुबसूरत
तहदिल आभार आपका….Bhawanaji….