देखा तुम्हें तो दिल में कई अरमान जग गएखुद ही तुम्हारी राहों में फिर तो ये पग गए जिस प्रेम की तलाश थी तुमसे मुझे मिला वरना मुझे तो लूट के सब अपने ही ठग गएकुछ इस कदर क़रीब मैं तेरे हुआ हूँ आजदिल की ख़बर बताने तुम्हें सारे ये खग गएबातें हमारी तल्ख हुईं कई बार यूँ हुआहँसकर नज़र मिली तो तुम सीने से लग गएनज़रों के जिन तीरों ने घायल किया मुझेमधुकर खुदा की मर्जी से मुझपे वो दग गएशिशिर मधुकर
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बेहतरीन शिशिर जी …….चतुर्थ शेर बहुत दमदार बना है …………. हाँ ..मतले की दोनों पंक्तियों का तालमेल कुछ कम लगा………यदि पंक्तियों का क्रम बदल दे तो बात दमदार हो सकती है ……….ऐसा करके देख सकते है आप यदि आपने दिलो-दिमाग पर जमे तो !
देखा तुम्हें तो दिल में कई अरमान जग गए
खुद ही तुम्हारी राहों में फिर तो ये पग गए !!
जिस प्रेम की तलाश थी तुमसे मुझे मिला
वरना मुझे तो लूट के सब अपने ही ठग गए !!
Tahe dil se shukriya Nivatiya Ji. Aapkaa sujhaav bhaut uttam hai. Use sweekaar kar maine rachnaa me aawashyak change kar diya hai.
sahi kaya shri man jee. main bhi sahmat hun.
Haardik aabhaar Bindu Ji ……
Bahut Sundar , Shishir ji…
Haardik aabhaar Anu ……..
वाह्ह्ह्ह…….बेहतरीन…..
Tahe dil se shukriya Babbu Ji……………..
Very nice , , ,,,Ati utta
Very nice , , ,,,Ati Uttam
Tahe dil se shukriya Kiran Ji ………………….
बहुत सुन्दर
Haardik aabhaar