झूठा तेरा वादा झूठा तेरा प्यारबोलो मोदी जी काहे बनायेंफिर से तुम्हरी सरकारकहते हो खुद को चौकीदारफिर काहे नीरव मोदी हुआ फरारबताओ कहाँ गया युवाओं का रोजगार. गंगा मैया काहे मैली है इस बारकिसान काहे है आत्महत्या को तेयारक्यों आँख तरेरते है दुश्मन बैठे सीमा पारक्या राजनीति को बना लिए हो व्यापारबोलो मोदी जी काहे बनायेंफिर से तुम्हरी सरकार.सत्तर साल का हवाला देकरमांगी साठ महीने की सरकारजनता ने कितना दिया दुलारऔर बन गयी जुमलेबाजो की सरकारबोलो मोदी जी काहे बनायेफिर से तुम्हरी सरकार.झूठा तेरा वादा,झूठा तेरा प्यारबोलो मोदी जी काहेजनता ना करे वोट देने से इनकारइतना दिया तुमको प्यारफिर भी कर दिया देश का बंटाधारअबकी बार काहे मोदी सरकार- अभिषेक राजहंसनोट-इस रचना को केवल व्यंग्यात्मक रूप से लिया जाएसर्वाधिकार सुरक्षित
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Good sracasm. But Abhishek I find current national leadership better among the available lot.
मुझे भी मोदी जी प्यारे हैं
और मैं उनका फैन भी रहा हूँ
ये कविता सिर्फ एक व्यंग्य है
और हाँ थोड़ी नाराजगी है जरुर उनसे
अभिषेकजी…. आपका व्यंग अच्छा है…पर हर बात से मैं सहमत नहीं हूँ….क्यूंकि बहुत कुछ दोष हमारा भी है…कोई पैसे बाहर ले के भाग गया…वो पहले भी था…और बेरोज़गारी के कारण और भी बहुत हैं…. हाँ मुझे ये कभी अच्छा नहीं लगा की हर सरकार वो किसी की भी हो….. पहले की सरकार को गालियां दे…. इलेक्शन टाइम की बात और है… जब वो खुद सरकार में हो तो बजाये पिछली सरकारों को दोष देने के लिए…. अपना काम करें देश हित में जो अच्छा है… बिना भेदभाव के…. कानूनी ढंग से व्यवस्था चालाये जो भी दोषी है उसको सजा दे…. लेकिन यहां एक दूर पर व्यक्तिगत लांछन लगते हैं… नीचता की हद्द तक वो किसी के लिए सही नहीं हैं….
VYANGATAMAT DRISTIKON SE SAHI
बहुत सही बात कही आपने अभिषेक जी
Nice sarcasm… par aur koi leader abhi kaha hai, jisko desh chalane ke liye diya jaye…
अभिषेक जी किसी भी सिस्टम में बदलाव लाने और लोगों की सोच बदलने में समय लगता है मोदी जी कोशिश तो कर रहे हैं मेरे अनुसार उन्हें थोड़ा समय और देना चाहिए
७० साल काँगरेस को दिए है ,जिसमें ग़रीबों के बारे में सोचने की फ़ुर्सत किसी को नहीं मिली , एक साफ़ सोच का इनसान जो पूरे देश के हित के बारे में सोचता है ,उसका साथ देना देश का साथ देने जैसा होगा , थोड़ा धैर्य रखें