कुछ और सब्र कर लो प्रीतम मैं पास तुम्हारे आऊंगीजिसको पाकर तुम हँस दोगे वो प्रेम सुधा बरसाउंगीमुझको भी एहसास है तुम मेरे बिन कितना तड़पे होतुमको बाहों में भर लूँगी अब और नहीं तड़पाउंगीतुम प्रेम के प्यासे पंछी हो जो इसकी खोज में तरसे हो इंतजार अब ख़त्म हुआ तुम्हें और ना अब तरसाउंगीविरह की अग्नि में जलकर भी तुमने साथ निभाया हैदूर रहुँगी ना तुमसे अब कोई अगन नहीं भड़काउंगीनीरसता जीवन में जैसी भी आज तुम्हारे पसरी हैसंगीत जहन में भर दूँगी वो पायलिया खनकाउंगीशिशिर मधुकर
Оформить и получить экспресс займ на карту без отказа на любые нужды в день обращения. Взять потребительский кредит онлайн на выгодных условиях в в банке. Получить кредит наличными по паспорту, без справок и поручителей
Bahut sundar….
Tahe dil se shukriya Anu ………
Beautiful ,,,,,,,,
Thank you Kiran Ji……….
Maansoon Seasion ki shandar rachna.
Shishir Sir, Nice.
Tahe dil se shukriya Ram Gopal Ji ………
लाजवाब…..जहन की जगह ज़हन कर लीजिये….
Tahe dil se shukriyaa Babbu Ji………..
वाह गजब …..सुंदर रचना आपकी
Tahe dil se shukriya Madhu Ji ……….