ठीक नहीं
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बात दिल की दिल में छुपाना ठीक नहीं !फ़ासले अपनों के बीच बनाना ठीक नहीं !
जिंदगी में रक्खो अपने काम से काम यारो !तांक- झाँक किसी के आशियाना ठीक नहीं !!
रुत के संग मौसम का बदलना अच्छा है !बिन मौसम बरसात का आना ठीक नहीं !!
सावन के मौसम में सुलगते अरमान हो !इस हाल में यारा परदेश जाना ठीक नहीं !!
जिसने कदर न की कभी दिल-ऐ-जज़्बात की !बेदर्दी हमसफ़र लिए आंसू बहाना ठीक नहीं !!
ये अश्क नहीं कतरे है निशानी मेरे जिगर केइन बेशकीमती मोतियों को लुटाना ठीक नहीं !!
बे-वज़ह, बे-वक्त, बेतुकी बाते अक्सर करते है !ऐसे लोगो की सौबत में “धर्म” आना ठीक नहीं !!
डी के निवातिया
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Bahut hi sundar, Nivatiya ji…
बहुत बहुत धन्यवाद आपका ………………ANU JI.
आशियाने में कर दीजिये सर
acha लगेगा
बहुत बहुत धन्यवाद आपका ………………ABHISHEK
वाह्ह्ह्ह….लाजवाब…………हर शेर सधा हुआ….पूर्ण…..
बहुत बहुत धन्यवाद आपका ………………BABBU JI.
bahut khubsurat awam satik….
बहुत बहुत धन्यवाद आपका ………………BABBU JI.
लाजबाब प्रस्तुति सर
बहुत बहुत धन्यवाद आपका ………………BHAWANA JI.