नारी की महत्ता समाज में हर कोई दर्शाता है,पुरुषों का सिर्फ अहम भाव ही क्यूँ दिखलाता है,कर्तव्य परायण पुरूष भी हैं,हर फर्ज निभाता है,पुत्र,भाई, पति और पिता हर रूप में सक्रिय होता है,दिन रात परिश्रम करता है,फिर भी नहीं जतलाता है,उसके ही कारण परिवार चैन की नींद सो पाता है,नारी ममता की मूरत है,पुरूष समर्पणभाव दिखाता है,परिवार का आधार हैं दोनों,यहीं समझ में आता है,जब साथ हो एक दूजे का,तभी घर स्वर्ग बन पाता है,दोनों ही परिवार के साथ अच्छे समाज के भी निर्माता हैं।By:Dr Swati Gupta
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Atyant sundar aur sateek.
Thanks a lot Sir.
sahi…steek….bahut khoobsoort bhav….par sab ye samjhe to……
Thanks a lot Sir.
वाह बहुत सुन्दर रचना
Thanks a lot Abhishek.
Dhanyavad Swati ji kam se kam aapne to socha pusho ki ahmiyat ko. Bahut hiu khubsurti ke sath sach ko darshati ek bahut khubsoot Rachna
😊😊 thanks a lot Rajeev ji.
sunder achhey bhav bahut sunder…..
Thanks a lot Bindu ji.
सत्य कहा आपने स्वाति जी ……….जब साथ हो एक दूजे का,तभी घर स्वर्ग बन पाता है,……..आपसी तालमेल का होना एक दूजे को समझने से ही बात बनती है …….कमतर कोई नहीं सबकी अपनी अपनी महत्ता है बस कमी कमी है तो समझने की ….अधिकांशत लोग “मै” और “तू” में रहते है …यदि मिलकर “हम” की भावना पैदा हो जाती है तो राह आसान हो जाती है ………………!!
Thanks a lot Sir.