दिल मेरा बार बार मचलता है,बच्चा बनने की ज़िद करता है।याद आता है जब भी बचपन,मीठी यादोँ में दिन गुज़रता है।वो मंजर भी था कितना प्यारा,आज भी उसमें सुकूँ मिलता है।कितना भी अंधेरा हो जीवन में,बचपन जुगनू की तरह चमकता है।चाँद छूने की तम्मना थी बचपन में,चाँद में बचपन अपना दिखता है।याद आते हैं बीते पल जब भी,मन मेरा गुलाब सा खिलता है।।By:Dr Swati Gupta
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Ati sundar……………
Thanks a lot sir
बहुत ही सुन्दर रचना
Thanks a lot bhawna ji
बचपन तो होता ही ऐसा है….सुन्दर…सुखद…बहुत बहुत आभार…बचपन की याद दिलाने की…
Thanks a lot Sir
Bahut sundar…
Thanks a lot Anu