मुझको मालूम है तन्हाइयों में तू भी रोता है तेरा ग़म दूर रह कर भी मुझे महसूस होता है ज़िन्दगी क्या करें अच्छे बुरे रिश्तों का बंधन है मुहब्बत वरना कोई चाह कर थोड़े ही खोता है अगर वो आज भी हर पल यहाँ बेचैन रहता है वही इंसान काटेगा जो दो हाथों से बोता है फसल इस खेत की जो देख हरदम मुस्कुराते हैं बड़ी मेहनत से इसकी मिट्टी को मैंने भी जोता है देख लो राधा मोहन ने प्रेम दुनिया को सिखलाया ज़माना आज भी भक्ति में उनके पैर धोता है बड़ा रुस्वा किया समझा नहीं वो प्रेम का रिश्ता बड़ा मायूस हो मधुकर वो निज पीड़ा को ढोता है शिशिर मधुकर
Оформить и получить экспресс займ на карту без отказа на любые нужды в день обращения. Взять потребительский кредит онлайн на выгодных условиях в в банке. Получить кредит наличными по паспорту, без справок и поручителей
Bahut sundar, Shishir ji…
Tahe dil se shukriya Anu……….