संग दिल तुझ को मनाने आ गये…हम तेरे आशिक पुराने आ गये…चार दिन की चांदनी बहका गयी…होश लुटते ही ठिकाने आ गये….क्यूँ सुनायें गैर को अपनी ग़ज़ल…तुम ग़ज़ल तुम को सुनाने आ गये….कैफियत दिल की तुझे अब क्या कहें…हो ख़ुशी या गम रुआने आ गये….तेरी आँखों ने जिब्ह ‘चंदर’ किया…दोष तुम मुझ पर लगाने आ गये….तेरे जाते ही सबब ऐसा बना…देह मेरी सब उठाने आ गये….\/सी.एम्. शर्मा (बब्बू)
Оформить и получить экспресс займ на карту без отказа на любые нужды в день обращения. Взять потребительский кредит онлайн на выгодных условиях в в банке. Получить кредит наличными по паспорту, без справок и поручителей
Wah ! bahut khub Sharma Sahab
Wah ! bahut khub Sharma ji
तहदिल आभार आपका….Rajeevji….
sahi farmaya babbu jee … behatarin.
तहदिल आभार आपका….binduji….
बहुत खूबसूरत ……………..लाजबाब …………..!!
तहदिल आभार आपका…..nivatiyaji….
लाजवाब
तहदिल आभार आपका……abhishekji…
nice sir
तहदिल आभार आपका….rakeshji….
तहदिल आभार आपका…rakeshji…
Bahut hi lajawab 👍👍
तहदिल आभार आपका….swatiji….
बहुत ही खुबसूरत
तहदिल आभार आपका……Bhawanaji…
Badiya….. ….magar 4th line nahi samajh aaya
बहुत बहुत आभार आपका…4th लाइन का मतलब ये की इंसान को अक्ल समझाने पे नहीं आती जब खुद ठोकर खा के लुटा बैठता सब तब आती….
Beautiful …”….
तहदिल आभार आपका…Kiran Kapurji…