ये कौन सा सभ्य समाज है (भाग – तीन)
***
ये कौन सा सभ्य समाज है, ये किस सदी का राज़ हैमानव का मानव दुश्मन, लुप्त प्राय: लोक-लाज है !!
घर में एक दूजे का भान नहींबुजुर्गो का होता सम्मान नहींपत्थर पूजा के हम अनुयायीलेकिन मानवता रास न आयीधर्म-कर्म का नित पाठ सुनातेजाति-पात का नश्तर चलातेजिनसे पाते रोटी कपड़ा और मकानबतलाकर उन्हें अछूत बनते है महानवेद पढ़ ज्ञानी बने मिटा न मन का अभिमाननिर्जीवो में ईश खोजते जीवो का करते संहारकोई हिन्दू, कोई मुस्लिम, कोई सिख, ईसाईधर्म नाम पर निज बटँते है मानवता के भाईये कौन सा सभ्य समाज है, ये किस सदी का राज़ है !मानव का मानव दुश्मन, लुप्त प्राय: लोक-लाज है !!
*
डी के निवातिया
——
Оформить и получить экспресс займ на карту без отказа на любые нужды в день обращения. Взять потребительский кредит онлайн на выгодных условиях в в банке. Получить кредит наличными по паспорту, без справок и поручителей
Bahut hi sundar rachna, Nivatiya ji…
अमूल्य प्रतिक्रिया के लिए तहदिल से शुक्रिया आपका …………….ANU JI.
Ati sundar
अमूल्य प्रतिक्रिया के लिए तहदिल से शुक्रिया आपका …………….RAKESH JI.
ati uttam
अमूल्य प्रतिक्रिया के लिए तहदिल से शुक्रिया आपका …………….BINDU JI.
बहुत ही सुंदर रचना एयर भाव।
अमूल्य प्रतिक्रिया के लिए तहदिल से शुक्रिया आपका …………….SWATI JI.
अति सुन्दर
अमूल्य प्रतिक्रिया के लिए तहदिल से शुक्रिया आपका …………….BHAWNA JI.
ये श्रृंखला लाजवाब है आपकी…. सबके मन को झकझोरती है….काश हम सब सही सोचें और समाज को सही दिशा में ले के जाएँ….
अमूल्य प्रतिक्रिया के लिए तहदिल से शुक्रिया आपका …………….BABBU JI.
आज ये प्रश्न सम्पूर्ण मानव संस्कृति के समक्ष है ,जिसका उत्तर प्रकृति के साथ सामंजस्य और सही सामाजिक व्यवहार से ही दिया जा सकता है। आपकी लेखनी को सादर नमन।
अमूल्य प्रतिक्रिया के लिए तहदिल से शुक्रिया आपका …………….DEVENDRA JI.
Very true Nivatiya Ji…….
अमूल्य प्रतिक्रिया के लिए तहदिल से शुक्रिया आपका …………….SHISHIR JI.