ये कौन सा सभ्य समाज है (भाग – दो)
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ये कौन सा सभ्य समाज है, ये किस सदी का राज़ हैमानव का मानव दुश्मन, लुप्त प्राय: लोक-लाज है !!शिक्षा में सब यहां ज्ञानी हैकरते अपनी मनमानी हैअर्थ-अनर्थ का भेद न जानेरूढ़िवादी परम्परा को मानेदुनिया के अग्रणी बनते हमआत्मावलोकन नहीं करते हममानसिकता गर बचकानी हैसर्व ज्ञान तब तक बेमानी हैउपाधियों का पुलिंदा साथ हैशिष्टाचार में उनका तंग हाथ हैजो ज्ञानी सिस्टम के गुलाम हुएचर्चे उनके ही नाम के आम हुएज्ञान के महत्ता को पहचानो आजव्यवहार से बनना होगा सरताजशिक्षा यथेष्ट मार्ग दिखलाती हैफिर क्यों अराजकता नजर आती हैये कौन सा सभ्य समाज है, ये किस सदी का राज़ हैमानव का मानव दुश्मन, लुप्त प्राय: लोक-लाज है !!
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डी के निवातिया
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Ekdam Satyaparak or samsaamyik………..
बहुत बहुत धन्यवाद आपका ……….SHISHIR JI.
बिलकुल सही कहा आपने
बहुत बहुत धन्यवाद आपका ……….BHAWNA JI.
Bahut hi sundar bhav ko vyakt karti hui rachna
बहुत बहुत धन्यवाद आपका ……….SWATI JI.
बहुत ही सुंदर रचना….
बहुत बहुत धन्यवाद आपका ……….ANU JI.
laajwaab…..ktaaksh (2)…hahaha………
बहुत बहुत धन्यवाद आपका ………. BABBU JI.
बिलकुल सही कहा है आपने
बहुत बहुत धन्यवाद आपका ……….KISKU JI.