मुझे ज़िंदा रहने के लिए सांस नहीं चाहिएबस तेरे होने का एक एहसास चाहिए,तू गर बारिश भी हो जाए तो कोई गम नहीं,तुझमे उतरने को बस कागज़ की नाव चाहिए .
Оформить и получить экспресс займ на карту без отказа на любые нужды в день обращения. Взять потребительский кредит онлайн на выгодных условиях в в банке. Получить кредит наличными по паспорту, без справок и поручителей
Very nice
shukriya swati ji
सुन्दर रचना !
स्व रचित रचना प्रस्तुत जो भौरे गाये ये कवितायें,कल्प तरु और स्वर्ग विभा में –
“मेरी चाह नहीं ”
मेरी चाह नहीं इसकी
बड़ा व्यक्तित्व कहाऊं !
चौबीस घंटे की धुल में
पाथर बन पूजा जाऊं |
सर्दी -गरमी बरसात में भी
छतरी एक ना पाऊं !
प्रभुता की भले नहीं
मैं लघुता के गीत सुनाऊं !!
bahut khoobsurat sukhmangal ji…adbhoot
sunder bhaav…………….
shukriya