उठा हाथ सब का भला माँगना…करूँ ना बुरा मैं दुआ मांगना…न हो चमन खौफ परेशाँ ग़मज़दा…करूँ कुछ ऐसा हौसला मांगना…न हो ‘आसिफा’ कोई बेआबरू…जहां रौशन दिमाग का मांगना…मिले हो मुझे तुम खुदा का करम…खुदा से भला और क्या मांगना…छुपा है खुदा हर किसी में ‘चँदर’…खुदा से खुदा का बुरा मांगना ?…\/सी.एम्. शर्मा (बब्बू)
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बेहद उम्दा बब्बू जी ……….आपकी कलात्मक सृजनता की जितनी तारीफ़ की जाए कम है …………..हमे मालूलं है विधा में बांधकर, बह्र में किसी रचना को सौंदर्य पूर्ण बनाना कितना कठिन है………….बधाई आपको, आपकी रचनात्मकता को …………जय हो !
उत्साहवर्धन करती आपकी प्रतिकिर्या का तहदिल आभार…..Nivatiyaji…
सुन्दर प्रस्तुति।
तहदिल आभार आपका….Bhawanaji…
अच्छी प्रस्तुति
तहदिल आभार आपका….Binduji….
Bahut sundar…
तहदिल आभार आपका….Anuji….
Bahut hi sundar rachna Sir.
तहदिल आभार आपका….swatiji….
बहुत खूबसूरत रचना सर।
तहदिल आभार आपका….Davendraji….
Ati sundar Babbu Ji ………………
तहदिल आभार आपका….Madhukarji….